आंधियों का दौर है आंखों को ढकना सीख लो [1]
इंसानियत का श्राद्ध है अनर्थ तकना सीख लो
जो था हम सब का विधाता वो है अब गुमसुम खड़ा
धर्म की सौ बेदियों में है बंधा बेबस पड़ा
क्या हमारी रंजीशों ने घोंटा तेरा दम है मौला
क्यों आंख तेरी नाम है मौला, आंख तेरी नाम है मौला
खून के झरनों ने अब है ये मोहल्ला रंग दिया
एक से चेहरे ने क्यों चेहरा तेरा बेधांग किया
सहमी धीमे सी आवाजें गालने को बेकार
सूनी चौखट और दीवारें करती तेरा इंतजार
है ज़मीन क्यों रो राही अंबर में क्यों मातम है मौला
क्यों आंख तेरी नाम है मौला, आंख तेरी नाम है मौला
क्यों आंख तेरी नाम है मौला
इंसानियत का श्राद्ध है अनर्थ तकना सीख लो
जो था हम सब का विधाता वो है अब गुमसुम खड़ा
धर्म की सौ बेदियों में है बंधा बेबस पड़ा
क्या हमारी रंजीशों ने घोंटा तेरा दम है मौला
क्यों आंख तेरी नाम है मौला, आंख तेरी नाम है मौला
खून के झरनों ने अब है ये मोहल्ला रंग दिया
एक से चेहरे ने क्यों चेहरा तेरा बेधांग किया
सहमी धीमे सी आवाजें गालने को बेकार
सूनी चौखट और दीवारें करती तेरा इंतजार
है ज़मीन क्यों रो राही अंबर में क्यों मातम है मौला
क्यों आंख तेरी नाम है मौला, आंख तेरी नाम है मौला
क्यों आंख तेरी नाम है मौला
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Aandhiyon ka daur hai aankhon ko dhakna seekh lo
Insaaniyat ka shraadh hai anarth takna seekh lo
Jo tha hum sab ka vidhaata wo hai ab gumsum khada
Dharm ki sau bediyon mein hai bandha bebas pada
Kya hamaari ranjishon ne ghonta tera dum hai maula
Kyun aankh teri nam hai maula, aankh teri nam hai maula
Khoon ke jharno ne ab hai ye mohalla rang diya
Ek se chehre ne kyun chehra tera bedhang kiya
Sehmi dheemi si awaazein cheekhne ko bekaraar
Sooni chaukhat aur deewarein karti tera intezaar
Hai zameeen kyun ro rahi ambar mein kyun maatam hai maula
Kyun aankh teri nam hai maula, aankh teri nam hai maula
Kyun aankh teri nam hai maula